बुधवार, 13 मई 2015

आचार्य डॉ० जयशंकर त्रिपाठी जी की प्रसिद्द पुस्तकों में से एक पुस्तक "आचार्य दण्डी एवं संस्कृत काव्यशास्त्र का इतिहास-दर्शन" जो कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय से डी.फिल.उपाधि के लिए स्वीकृत शोध -प्रबंध का परिवर्तित रूप है | इस शोध प्रबंध के बारे में गुरुवर डॉ० सुरेश चन्द्र पाण्डेय जी (पूर्व संस्कृत विभागाध्क्ष ,इलाहाबाद विश्वविद्यालय ,इलाहाबाद ) १९६४ कि बात बताते हुए कहते हैं ( आपके ही निर्देशन में पूज्य पंडित जी ने शोध कार्य किया ) कि पंडित जी कि शोध प्रबंध जिन परीक्षक विद्वानों के पास परीक्षणार्थ भेजा गया उनकी टिप्पणी थी कि दण्डी के काल निर्धारण से यद्यपि हम सहमत नहीं किन्तु शोध कर्ता के तर्क शुद्ध अनेक प्रमाणों ने हमें आकृष्ट किया है और दण्डी के काल के विषय में पुनः विचार करने के लिए विवश कर दिया है |४५४ पृष्ठ की यह पुस्तक शोधार्थी छात्रों और दण्डी पर वृहत जानकारी के लिए बहुत ही उपयोगी पुस्तक है |
लोकभारती प्रकाशन ,१५-ए महात्मा गांधी मार्ग ,इलाहाबाद -211001से प्रकाशित है | अगर आप दण्डी पर शोध कर रहे हैं तो यह पुस्तक आपके शोध में अवश्य सहायक सिद्ध होगी |

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